No Money for Terrorist Conference: देश की सरकार आतंकवाद को बिल्कुल बर्दाश्त न करने की नीति पर चल रही है. देश आतंक के खिलाफ लड़ रहा है. भारत खुद के संकल्प से अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अवगत कराएगी. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि वह देश में 18-19 नवंबर को नो मनी फॉर टेररिस्ट (NMFT) के विषय पर तीसरा मंत्रिस्तरीय सम्मेलन आयोजित करने जा रहा है, जिसमें 75 देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि दो दिनों तक परिचर्चा में हिस्सा लेंगे.
मंत्रालय के बयान के अनुसार, नो मनी फॉर टेररिस्ट सम्मेलन की मेजबानी में अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के मुद्दे, आतंकवाद को बर्दाश्त न करने की खुद की नीति के अहम बिंदु रहेंगे, जो अंतरराष्ट्रीय समुदाय में चर्चा कराने को मोदी सरकार के तरफ से दी जा रही अहमियत को दर्शाती है.
अमित शाह सम्मेलन में शिरकत करेंगे
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस सम्मेलन में शिरकत करेंगे तथा आतंकवाद के विरूद्ध लड़ाई में सफलता हासिल करने के लिए आतंकवाद और उसके सहयोग सिस्टम के खिलाफ संघर्ष में भारत के संकल्प को सामने रखेंगे. इस सम्मेलन का लक्ष्य पेरिस (2018) और मेलबर्न (2019) के पिछले दो सम्मेलनों में आतंकवाद के लिए उपयोग हो रहे फाइनेंस का मुकाबला करने के विषय पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने जो चर्चा की थी, उसे आगे ले जाना है.
दुनिया आतंकवाद और उग्रवाद से पीड़ित
इस सम्मेलन का मकसद है आतंकवादी फाइनेंस के सभी पक्षों के तकनीकी, कानूनी और सहयोगी पहलुओं पर चर्चा करना. इसमें आतंकवाद के लिए उपयोग हो रहे फाइनेंस का मुकाबला करने पर केंद्रित, उच्च स्तरीय आधिकारिक और राजनीतिक चर्चा को गति देने की कोशिश की जाएगी. कई देश वर्षों से दुनिया आतंकवाद और उग्रवाद से पीड़ित हैं.
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इस हिंसा के स्वरूप भले ही भिन्न भिन्न हैं, लेकिन वो काफी हद तक अस्थिर भू-राजनीतिक माहौल और दीर्घकालिक जातीय संघर्षों के कारण उत्पन्न होती है. भारत ने पिछले तीन दशकों से अधिक समय से आतंकवाद के विभिन्न रूपों को झेला है, इसलिए देश इस स्थिति से प्रभावित देशों की पीड़ा को समझता है.
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