मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और नरेंद्र मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री नारायण राणे (Narayan Rane) ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। नारायण राणे ने शुक्रवार को कहा कि उद्धव ठाकरे ने कोशिश की थी मैं सीएम नहीं बनू। उद्धव ठाकरे नहीं चाहते थे कि मैं सीएम बनू। उन्होंने एक ‘साधु’ मेरे पीछे छोड़ा था। राणे ने कहा कि 2005 में मैंने पार्टी छोड़ी थी, इसलिए छोटा शकील ने मुझे मारने की धमकी दी थी। नहीं तो मेरा भी आनद दिघे जैसा हाल हो जाता। राणे ने आरोप लगाया कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर जोशी के ऊपर भी उद्धव ठाकरे की ओर से हमला करने की तैयारी की गई थी।
केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि आंनद दीघे की मौत होने के बाद उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे को बुलाया था। उद्धव ठाकरे ने उनसे पूछा था कि आनद दिघे की कितनी प्रॉपर्टी है? राणे ने आगे कहा कि दिशा सालियान मर्डर केस में आदित्य ठाकरे का नाम सामने आया था। उन्होंने कहा कि अगर जांच कर रही एजेंसी मुझसे पूछेगी तो मैं सारे सबूत दे दूंगा।
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‘उद्धव ने ‘सामना’ के नाम पर काला धन सफेद किया’
नारायण राणे ने कहा कि छगन भुजबल की तरह ही उद्धव ठाकरे की भी संपत्ति अनियमितता मामले में जांच होगी। इसके सभी सबूत उन्होंने जहां देना था, वहां पर पहुंचा दिया है। उन्होंने दावा किया कि बहुत जल्द ही उद्धव ठाकरे की संपत्ति अनियमितता केस में जांच की जाएगी। राणे ने उद्धव ठाकरे पर कोरोना काल में शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के नाम पर काला धन सफेद करने का गंभीर आरोप लगाया है।
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‘शिवसेना की दशहरा रैली महज तमाशा’
केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने शिवसेना की दशहरा रैली पर भी हमला बोला। राणे ने कहा कि शिवसेना की दशहरा रैली सिर्फ तमाशा बन कर रह गई। इससे पहले स्वर्गीय बालासाहेब ठाकरे के दशहरा सम्मेलन में कोई भी शिवसेना कार्यकर्ता बीच में भाषण छोड़कर जाता नहीं था। इस भाषण के दौरान उद्धव ठाकरे ने बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व सहित मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के डेढ़ साल के पोते तक को नहीं छोड़ा।