‘शहंशाह’ की फौलादी जैकेट देखते ही रह गए अभिषेक, अमिताभ की फिल्मों का रोचक सफरनामा

अमिताभ बच्चन के पुराने बंगले प्रतीक्षा से चंद कदमों की दूरी पर स्थित जुहू के पीवीआर मल्टीप्लेक्स के एक सिनेमाहॉल में जावेद अख्तर के बेटे फरहान अख्तर अपनी नई फिल्म ‘फोन भूत’ का ट्रेलर और गाना लोगों को दिखा रहे हैं। लेकिन, वहां आए लोगों की ज्यादा दिलचस्पी पास के ही हॉल में चल रही प्रदर्शनी ‘बच्चन, बैक टू बिगनिंग’ में है। बगल वाले सिनेमाहॉल में शायद 1978 वाली ‘डॉन’ चल रही है। अमिताभ बच्चन पर फिल्माए गए गाने ‘खइके पान बनारस वाला’ की बातें लोग कर रहे हैं। 52 साल से लगातार फिल्मों में काम कर रहे अमिताभ बच्चन मंगलवार को 80 साल के हो रहे हैं और उनके चाहने वाले यहां जुह पीवीआर समेत देश के 17 शहरों के 22 सिनेमाघरों में बीते तीन दिन से उनकी सुपरहिट फिल्में सिनेमाघरों में फिर से देख रहे हैं।

अमिताभ बच्चन को मेगास्टार बनाने वाली ‘डॉन’, ‘काला पत्थर’, ‘कालिया’, ‘कभी कभी’, ‘अमर अकबर एंथनी’, ‘नमक हलाल’, ‘अभिमान’, ‘दीवार’, ‘मिली’, ‘सत्ते पे सत्ता’ और ‘चुपके चुपके’ जैसी इन सारी फिल्मों का चार दिन का पास चार सौ रुपये का रहा और लोगों ने ये फिल्में बार बार फिर से देखी हैं। अमिताभ बच्चन की इन फिल्मों का जादू ही कुछ ऐसा है। बीते शुक्रवार को ही रिलीज हुई अमिताभ की नवीनतम फिल्म ‘गुडबॉय’ बॉक्स ऑफिस पर जैसी भी रही हो पर अमिताभ का करिश्मा इस फिल्म में भी कायम है। महीने भर बाद वह बड़े परदे पर एवरेस्ट की ‘ऊंचाई’ नापते नजर आएंगे, उसी राजश्री पिक्चर्स की फिल्म में जिसने कभी उनको फिल्म ‘सौदागर’ में मौका दिया था और जिस फिल्म को ऑस्कर पुरस्कारों के लिए भारत की आधिकारिक प्रविष्टि के रूप में भेजा गया था।

‘बच्चन, बैक टू बिगनिंग’ एक तरह से अमिताभ बच्चन के करिश्मे को थोड़ा करीब से जानने का मौका है। और, इस मौके में सबसे यादगार धरोहर दिखती है फिल्म ‘शहंशाह’ में पहनी गई उनकी जैकेट जिसकी एक आस्तीन पूरी फौलाद की बनी हुई है। अभिषेक बच्चन इस नुमाइश को देखने आए तो देर तक इसी के पास ठिठके रहे। लोग यहां ‘दीवार’ के उनके किरदार के कटआउट के साथ तस्वीरें भी खिंचवाते दिखे। ‘बच्चन, बैक टू बिगनिंग’ का ज्यादा प्रचार नहीं हुआ है, लेकिन जिस किसी को भी जिस किसी भी तरह से पता चल रहा है, वह यहां इन तस्वीरों को देखने जरूर आ रहा है। मीडिया के लोगों की भी इन तस्वीरों में खास दिलचस्पी दिखी। जया बच्चन ने अपनी नातिन नव्या के साथ देर तक पूरी नुमाइश घूम घूमकर देखी।

लेकिन, खुद अमिताभ बच्चन से इस आयोजन के बारे में पूछें तो वह अपनी क्लासिक फिल्मों के फिर से सिनेमाघर पहुंचने से काफी उत्साहित दिखते हैं। वह कहते हैं, ‘मेरी अभिनय यात्रा की ये सारी शुरुआती फिल्में फिर से लौटकर सिनेमाघरों तक आएंगी, ये तो मैंने भी कभी नहीं सोचा था। फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन और पीवीआर ने मिलकर ये सिर्फ मेरा काम फिर से नहीं दिखाया है बल्कि मेरे निर्देशकों, मेरे साथी कलाकारों और इन फिल्मों को बनाने वाले तमाम तकनीशियनों के काम का भी ये अद्भुत झरोखा है। मुझे लगता है कि ये बस एक शुरुआत है और फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन आने वाले दिनों मे भारतीय सिनेमा में मील का पत्थर बन चुकीं तमाम और फिल्मों को वापस सिनेमाघरों तक लाने का जश्न आगे भी मनाता रहेगा।’





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