Bhagalpur : खून से लाल हो गई गंगा की धारा, ड्रेजिंग शिप में समा गईं करीब 50 भैंसें, 2 चरवाहा भी लापता

भागलपुर : बरारी थानाक्षेत्र के मायागंज स्थित काली घाट (मुसहरी घाट) पर दर्दनाक हादसा हुआ है। बताया जा रहा है कि मायागंज मुसहरी घाट पर स्थानीय चरवाहे अपनी भैंसों को लेकर नहलाने आए थे। इसी दरम्यान करीब 50 मवेशियों के साथ आठ चरवाहे ड्रेजिंग मशीन के चपेट में आ गए। जिसमें किसी तरह 6 चरवाहों और कुछ मवेशी बच निकले लेकिन तकरीबन 40-50 भैंस और दो चरवाहे अब भी लापता हैं। स्थानीय लोग लापता भैंसों की मौत होने की आशंका जताई है। हालांकि, प्रशासन अभी दोनों व्यक्ति को लापता मानकर गंगा में सर्च ऑपरेशन चला रही है। मशीन की चपेट में आनेवाले दोनों लापता लोगों में मायागंज मोहल्ले के कारू यादव और सिकंदर यादव शामिल हैं। इस हादसे की जानकारी मिलने के बाद रेस्क्यू टीम को मौके पर भेजा गया। एसडीआरएफ की टीम के अलावा स्थानीय गोताखोर और नाविकों को भी रेस्क्यू में लगाया गया है।

दर्दनाक हादसे की दिल दहलाने वाली दास्तां
स्थानीय वार्ड पार्षद ने इस दर्दनाक हादसे की जब दास्तां सुनाई तो हर किसी का दिल सिहर उठा। वार्ड पार्षद की मानें तो रविवार दिन में लगभग डेढ़ बजे के आसपास स्थानीय चरवाहे लगभग 5 दर्जन भैंसों का झुंड लेकर दियारा में चराने के लिए गंगा पार कर रहे थे। इसी दौरान चरवाहे भैंसों को स्नान कराने लगे। पास से ही ड्रेजिंग मशीन वाली जहाज गुजर रही थी। इसी क्रम में ड्रेजिंग मशीन का सक्शन पावर (चूषण शक्ति) इतना था कि भैंसों और चरवाहे को अपनी ओर खींच लिया। वार्ड 27 के पार्षद उमर चांद की मानें तो कुल 8 लोग भैंसों को लेकर गंगा पार कर रहे थे। इनमें से छह लोगों ने जहाज में लटके टायर और बाहरी हिस्से को पकड़कर किसी तरह अपनी जान बचाई। लेकिन दो लोग ड्रेजिंग मशीन की चपेट में आ गए और अब तक लापता हैं। उमर चांद ने कहा कि मुसहरी घाट पर प्रतिदिन चरवाहे भैंसों को लेकर आते हैं और घास चराने के लिए गंगा पार कर दियारा जाते हैं। जहाज के चालक को जब भैंसें दिखी तो उन्हें अपने जहाज को नियंत्रित करना चाहिए था या टर्न लेना चाहिए। उन्होंने ऐसा नहीं किया। इस हादसे का जिम्मेवार प्रत्यक्ष रूप से जहाज के चालक हैं। चालक को पता है कि जहाज में कितनी क्षमता की मशीन लगी और इससे क्या दुर्घटना हो सकती है तो उन्होंने लोगों को सचेत क्यों नहीं किया? आज तक इससे पहले कभी भी मुसहरी घाट पर चरवाहे को दियारा जाने से न रोका गया और न ही सचेत किया गया।

हादसे पर प्रशासन से जुड़े लोगों ने क्या कहा
घटना की सूचना मिलने के बाद एसडीएम धनंजय कुमार अन्य अधिकारियों के साथ मुसहरी घाट पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि हादसा काफी दर्दनाक है। एसडीओ की मानें तो शुरुआत में उन्हें 20-25 भैंसों के कटने की सूचना मिली थी। लेकिन जब वो मौके पर पहुंचे तो लोग 50 से अधिक भैंसों के ड्रेजिंग मशीन की चपेट में आने की बात बता रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। बॉडी रिकवर होने के बाद कुछ कहा जा सकता है। आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों को भी बुलाया गया है। उनलोगों ने इसकी जानकारी मुख्यालय को भी दे दी है। मुआवजे का जो भी प्रावधान होगा, उसके अनुसार पीड़ितों को मुआवजा दिया जाएगा। वहीं, दूसरी ओर हादसे कि खबर मिलने के बाद मौके पर आसपास के लोगों की बड़ी भीड़ जमा हो गई। जिससे रेस्क्यू में भी परेशानी होने की आशंका के बाद कई थानों की पुलिस को बुलाया गया। इसके बाद लोगों की भीड़ को वहां से दूर हटाया गया।

ड्रेजिंग मशीन का गंगा नदी में क्या काम, जानिए
गंगा में ड्रेजिंग मशीन का क्या काम है? ये सवाल हर किसी के जेहन में होगा। आपको बता दें कि गंगा में ड्रेजिंग मशीन से तल में जमा गाद को साफ किया जाता है। ये काम पिछले कई माह से यहां चल रहा है। जानकारों की मानें तो गंगा में पानी वाले मालवाहक जहाजों के आवागमन में कोई परेशानी नहीं हो इसके लिए ये काम किया जाता है। वहीं, भागलपुर में बकायदा इसके लिए एक स्टेशन भी बनाया गया है। ये स्टेशन खंजरपुर मोहल्ले में महराज घाट के समीप अस्थाई तौर पर अवस्थित है। वहीं, कुछ लोगों ने कहा कि दोपहर में हुए दुर्घटना के बाद ड्रेजिंग मशीन वाली जहाज को स्टेशन पर जाकर लगा दी गई। बताया जाता है कि घटना से नाराज लोगों के हुजूम को देखकर जहाज चालक जहाज लेकर अपने स्टेशन पर चले गए।

रिपोर्ट- रूपेश कुमार झा



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