इसी 6 नवंबर को बिहार में छपरा का सबसे खराब एक्यूआई 330 था, उसके बाद कटिहार (324) और सीवान (322) का स्थान है। शहर के तीन वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशनों ने डीआरएम कार्यालय- खगौल, बीआईटी-मेसरा (318) और तारामंडल (312) में एक्यूआई के साथ 318 पर एक्यूआई पढ़ने के साथ ‘बहुत खराब’ हवा की सूचना दी। इको पार्क में एक्यूआई (296) और एसके मेमोरियल हॉल में 218 के साथ खराब क्षेत्र में था, जबकि पटना शहर में 185 एक्यूआई (मध्यम) दर्ज किया गया था। सभी स्टेशनों में पीएम2.5 का अधिकतम स्तर (2.5 माइक्रोन से कम पार्टिकुलेट मैटर) दर्ज किया गया है। पीएम 2.5 की औसत सांद्रता 56 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर (जी / एम 3) थी जबकि पीएम 10 (10 माइक्रोन से कम पार्टिकुलेट मैटर) रविवार 6 नवंबर को 108 ग्राम/क्यूबिक मीटर दर्ज किया गया था।
AQI यानि एयर क्वालिटी इंडेक्स का पैमाना जानिए
शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच ‘खराब और 401 और 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है। एक ‘खराब’ AQI का अनिवार्य रूप से मतलब है कि लंबे समय तक संपर्क में रहने पर लोगों को सांस की बीमारी या सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (बीएसपीसीबी) के विशेषज्ञों ने कहा कि डीएमआर कार्यालय में एक्यूआई रीडिंग क्षेत्र में अधिक वाहनों की आवाजाही और रात 9 बजे के बाद ट्रक की आवाजाही के कारण ज्यादा बनी हुई है। विशेषज्ञों का कहना है, ‘पटना शहर में, वायु प्रदूषण आमतौर पर कार्य दिवसों में अधिक होता है, जबकि सप्ताहांत में कम आवाजाही के कारण यह कम हो जाता है।’
Bihar Pollution: बिहार के मोतिहारी-सिवान प्रदूषण फैलाने में देशभर में सबसे आगे, आंकड़े हिला डालेंगे

पटना: केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी दैनिक एक्यूआई बुलेटिन के अनुसार, बिहार में मोतिहारी और सीवान देश भर में प्रदूषण में अव्वल थे। मोतिहारी और सिवान शुक्रवार को क्रमशः 413 और 406 के ‘गंभीर’ वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के साथ देश के दो सबसे प्रदूषित स्थान थे। ये अलग बात है कि इससे पहले राजधानी पटना वायु प्रदूषण के लिए बदनाम रहा है। हाल के आंकड़ों ने संकेत दे दिए हैं कि उत्तर बिहार के शहर इस साल राज्य के दक्षिणी हिस्सों की तुलना में अधिक प्रदूषित थे। सीवान, बेगूसराय, मोतिहारी और बेतिया सहित उत्तर बिहार के कई शहरों का AQI स्तर इस बार या तो ‘बहुत खराब’ या ‘गंभीर’ हो गया, जबकि दक्षिण बिहार के शहरों जैसे गया और औरंगाबाद के लिए यह ‘संतोषजनक’ और ‘मध्यम’ बना रहा।