Patna Dengue Cases: पटनावालों होशियार नहीं तो डेंगू बना लेगा अपना शिकार, पढ़ लीजिए ये खबर

पटना: पिछले कुछ हफ्तों से डेंगू जैसी वेक्टर जनित बीमारियों के मामलों में बढ़ोतरी के बीच शहर के ब्लड बैंक रक्त और प्लेटलेट्स की भारी कमी का सामना कर रहे हैं। इस साल पटना में डेंगू के कुल मामलों की संख्या 1939 तक पहुंच गई है , जिसमें अकेले रविवार को सामने आए 95 मामले शामिल हैं। ये केस सितंबर के अंत में 1,076 थे, यानि सिर्फ दस दिन में 863 मामले सामने आए। शहर भर में सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं में प्रतिदिन लगभग 120-150 रोगियों में डेंगू का इलाज किया जा रहा है। रैंडम डोनर प्लेटलेट (आरडीपी) की दैनिक आवश्यकता 400-500 यूनिट और सिंगल डोनर प्लेटलेट (एसडीपी) के लिए 20-30 यूनिट प्रतिदिन हो गई है।

प्लेटलेट की मांग बढ़ी
ब्लड बैंक के अधिकारियों ने दावा किया कि वे प्लेटलेट्स तभी मुहैया करा पाते हैं, जब मरीजों के अटेंडेंट्स ने डोनर की व्यवस्था की। एक निजी ब्लड बैंक कदमकुआं की मालिक रीता सिन्हा ने कहा कि पिछले कुछ हफ्तों में प्लेटलेट्स की उपलब्धता शून्य हो गई है। उनके मुताबिक ‘हर दिन, हम 18-20 यूनिट प्लेटलेट्स देते हैं, जिसमें मरीज के परिवार के डोनर भी शामिल हैं। प्लेटलेट्स की मांग हमारी क्षमता से पांच गुना अधिक बढ़ गई है। ऐसे में हमें कई मरीजों को मना करना पड़ता है या गैर सरकारी संगठनों से मदद के लिए उनसे पूछना भी पड़ता है।’ मां वैष्णो देवी सेवा समिति (एमवीडीएसएस) नाम से ब्लड बैंक चलाने वाले एक सामाजिक कार्यकर्ता मुकेश हिसरिया ने दावा किया कि उनके ट्रस्ट ने पिछले 15 दिनों में डेंगू के मरीजों को 250 यूनिट प्लेटलेट्स उपलब्ध कराए हैं।
Dengue के बारे में जानकारी और सावधानी ही करेगी बचाव
सोशल मीडिया पर मांगी जा रही मदद
सोशल मीडिया पर डेंगू के मरीजों की मदद की गुहार भी फैलने लगी है। बक्सर के रहने वाले त्रिलोकी गुप्ता ने ट्वीट किया कि ‘मेरा रिश्तेदार सोनू वर्तमान में मीठापुर के एक अस्पताल में भर्ती है। वह डेंगू से पीड़ित है और उसका प्लेटलेट घटकर 15,000 हो गया है। उसे प्लेटलेट ट्रांसफ्यूजन की आवश्यकता है, लेकिन उसे डोनर नहीं मिल रहे।’ सोशल मीडिया पर मदद के लिए ऐसे कई कॉल आ रहे हैं। वहीं आशियाना कॉलोनी निवासी शिवम कुमार ने बताया कि उनका भतीजा पृथ्वी डेंगू से पीड़ित है। शिवम के मुताबिक ‘पिछले एक हफ्ते से, राजा बाजार के एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। अस्पताल ने हमें प्लेटलेट्स की व्यवस्था करने के लिए कहा। हम सोशल मीडिया के माध्यम से मदद मांगते हैं लेकिन कोई मदद नहीं करता है। आखिरकार हमें दूर के परिवार में एक डोनर मिला। इसलिए दूर, प्लेटलेट ट्रांसफ्यूजन तीन बार होता है। पृथ्वी के प्लेटलेट्स 10,000 से नीचे गिर गए।’
Dengue के बारे में सबकुछ: लक्षण, उपाय और इलाज
पढ़ लीजिए डॉक्टरों की बात
एनएमसीएच-पटना के डॉक्टरों के अनुसार, डेंगू परीक्षण (एलिसा एनएस 1) के लिए आने वाले रोगियों में से लगभग 45-50% सकारात्मक परीक्षण कर रहे हैं। महामारी विज्ञानी डॉ मुकुल कुमार ने कहा कि रविवार को केवल तीन मरीज परीक्षण के लिए आए और सभी सकारात्मक थे। आमतौर पर वीकेंड पर अस्पताल में मरीजों का आना-जाना कम रहता है। ‘एनएमसीएच-पटना में दाखिले की कुल संख्या 26 हो गई है और उनमें से लगभग 50% को प्लेटलेट्स की आवश्यकता है। हालांकि, अभी अस्पताल में प्लेटलेट्स की कोई कमी नहीं है। शनिवार को, 116 परीक्षण के लिए आए और उनमें से 50 डेंगू संक्रमित पाए गए।’ पटना के सिविल सर्जन डॉ कमल किशोर रॉय ने रविवार को टीओआई को बताया कि इस साल जनवरी से अब तक पटना में डेंगू के 1939 मामले सामने आए हैं। उन्होंने स्वास्थ्य सुविधाओं में प्लेटलेट्स की किसी भी कमी से भी इनकार किया।



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